
बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री श्री अशोक चौधरी ने कहा कि आज का बिहार, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जंगलराज, अराजकता और पिछड़ेपन से निकलकर प्रगति की नई इबारत लिख रहा है और एक विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री श्री अशोक चौधरी ने कहा कि आज का बिहार, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जंगलराज, अराजकता और पिछड़ेपन से निकलकर प्रगति की नई इबारत लिख रहा है और एक विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
पटना ( IEN ) पटना में आयोजित विशेष कॉन्क्लेव “बिहार की बात, देश के साथ” में बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री श्री अशोक चौधरी ने भाग लिया और बिहार की वर्तमान विकास यात्रा पर विस्तार से अपने विचार साझा किए।
बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री श्री अशोक चौधरी ने कहा कि आज का बिहार, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जंगलराज, अराजकता और पिछड़ेपन से निकलकर प्रगति की नई इबारत लिख रहा है और एक विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
श्री चौधरी ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की “जीरो टॉलरेंस” नीति का उल्लेख करते हुए बताया कि राज्य में अब अपराधियों पर न केवल त्वरित कार्रवाई होती है, बल्कि स्पीडी ट्रायल के जरिए उन्हें जेल भी भेजा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जदयू की सरकार में किसी विधायक द्वारा किसी अपराधी को संरक्षण देने की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि यदि ऐसा हुआ तो ऐसे विधायक को पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा। उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि अपहरण और रंगदारी को पहले व्यापार के रूप में देखा जाता था, लेकिन नीतीश कुमार के आने के बाद से कानून का शासन स्थापित हुआ है।
राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में हुए सुधारों का उल्लेख करते हुए मंत्री ने बताया कि 2005 में बिहार में 10.5% बच्चे स्कूल से ड्रॉप आउट करते थे, जिसमें अधिकतर महादलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़े समुदाय के थे। मुख्यमंत्री ने पहली बार तालीमी मरकज और टोला सेवकों के माध्यम से इन बच्चों को दोबारा शिक्षा से जोड़ा और आज यह दर घटकर 1% से भी कम हो गई है। लड़कियों की शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई बालिका पोशाक योजना और साइकिल योजना को सामाजिक परिवर्तन का उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि इन योजनाओं ने लड़कियों को स्कूल लौटने और आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया।
श्री चौधरी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2005 में जहां मात्र 4 लाख बच्चे मैट्रिक परीक्षा पास करते थे जिनमें 50 हजार बच्चियाँ थीं, वहीं अब 18 लाख छात्र-छात्राएं मैट्रिक पास करते हैं जिनमें 8.5 लाख लड़कियाँ शामिल हैं। उन्होंने इसे मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का परिणाम बताया।
उन्होंने 10 जून 2025 को हुई राज्य कैबिनेट बैठक का जिक्र करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य के 9 प्रमंडलों में 350 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक भवनों का निर्माण कराया जाएगा, जिसमें स्टार्टअप्स को इंडस्ट्री, आईटी, और साइंस एंड टेक्नोलॉजी से जुड़ी सभी सुविधाएं दी जाएंगी। यह पहल बिहार में स्टार्टअप संस्कृति को नई दिशा देने वाला है।
राज्य के आर्थिक विकास की चर्चा करते हुए श्री चौधरी ने बताया कि 2005 से पहले बिहार की आर्थिक विकास दर मात्र 2.3% थी, जो अब 10% तक पहुँच चुकी है। वर्ष 2005 से पहले बिहार में विद्युतीकरण केवल 22 प्रतिशत हुआ करता था जो आज 100 प्रतिशत हो चूका है, ग्रामीण सड़कों की लंबाई 8,000 किमी से बढ़कर 1.17 लाख किमी हो गई है और उद्यमियों की संख्या में 300% की वृद्धि हुई है। माननीय नेता के कार्यकाल में कृषि के क्षेत्र में प्रेरणादायी कार्य हुआ है। वे यह शुरू से मानते हैं कि बिहार में कृषि का विकास मात्र कृषि ही नहीं बल्कि राज्य के लोगों के सर्वांगीण विकास का रोड मैप होगा। खाद्यान्न उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि और कृषि क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए बिहार राज्य को कुल पांच ‘’कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उन्होंने इसे मुख्यमंत्री के नेतृत्व और सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम बताया।
अंत में मंत्री ने कहा कि बिहार आज कृषि, विद्युत, शिक्षा, सड़क और स्टार्टअप्स के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास कर रहा है और आने वाले पांच साल राज्य की आर्थिक समृद्धि के लिए निर्णायक होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार का यह परिवर्तन “नीतीश मॉडल ऑफ गवर्नेंस” की जीत है और हर बिहारी को गर्व होना चाहिए कि उसे ऐसा मुख्यमंत्री मिला जिसने 2.3% की दर से विकास कर रहे राज्य को 10% विकास दर पर पहुंचा दिया है।
