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आईएएस विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह गिरफ्तार ; शराब घोटाले में एसीबी की बड़ी कार्रवाई,

आईएएस विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह
आईएएस विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह

आईएएस विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह गिरफ्तार ; शराब घोटाले में एसीबी की बड़ी कार्रवाई,

झारखंड आबकारी विभाग के सचिव के रूप में चौबे के कार्यकाल के दौरान आबकारी नीति में हुई अनियमितताओं के आरोप की जांच ACB कर रही है। इससे पहले राज्य सरकार ने 1999 बैच के आईएएस अधिकारी चौबे के खिलाफ FIR दर्ज करने की अनुमति दी थी।

झारखंड के एंटी करप्शन ब्यूरो ने शराब घोटाले के मामले में आईएएस विनय चौबे को गिरफ्तार किया है। छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर झारखंड ACB ने मामले की जांच के लिए एक प्रारंभिक जांच दर्ज की थी।

झारखंड ( IEN ) झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे को राज्य की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें यह गिरफ्तारी झारखंड में हुए करोड़ों रुपये के शराब घोटाले के मामले में पूछताछ के बाद की गई है। ACB द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि चौबे पर राज्य सरकार के साथ जालसाजी और धोखाधड़ी कर अनैतिक लाभ पहुंचाने का गंभीर आरोप है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घोटाले से राज्य सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

ACB की एफआईआर और धाराएं
यह मामला ACB रांची कांड संख्या 9/25, दिनांक 20/05/2025 को दर्ज किया गया है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120B, 420, 467, 468, 471, 409, 407, 109 सहित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7(c), 12, 13(1)(a) और 13(2) तथा भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इन धाराओं के तहत कठोर सजा का प्रावधान है। इस मामले में पूर्व संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को भी सहअभियुक्त बनाया गया है। ACB ने दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

विनय चौबे का प्रशासनिक करियर
विनय कुमार चौबे झारखंड प्रशासनिक सेवा के एक वरिष्ठ और प्रभावशाली अधिकारी माने जाते रहे हैं। वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव रह चुके हैं और नगर विकास, उत्पाद विभाग और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में अहम जिम्मेदारियाँ निभा चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान राजधानी रांची में फ्लाईओवर निर्माण, मंत्री आवास योजना और कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की शुरुआत हुई थी। हालांकि, विवाद तब गहराया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के सिलसिले में रायपुर बुलाकर पूछताछ की। इसके बाद उनका राजनीतिक प्रभाव कम होता गया और अंततः उन्हें मुख्यमंत्री सचिवालय (CMO) से हटा दिया गया।

राज्य भर की निगाहें अगली कार्रवाई पर
ACB की कार्रवाई ने झारखंड की नौकरशाही और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। अब सबकी निगाहें कोर्ट के फैसले और ACB की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं। सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं और जांच का दायरा और बढ़ाया जा सकता है।

Ashutosh