Visakhapatnam : विशाखापत्तनम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि को नौसेना में शामिल किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों युद्धपोतों के नौसेना में शामिल होने से स्पष्ट है कि आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हुआ है. भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ी है. भारतीय नौसेना न केवल तटीय क्षेत्रों की रक्षा करती है, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और समृद्धि भी बनाए रखती है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आईएनएस उदयगिरि और आईएनएस हिमगिरि का जलावतरण हमारी दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है. मैं इस अवसर पर भारतीय नौसेना को बधाई देता हूं. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) द्वारा निर्मित आईएनएस हिमगिरि और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित आईएनएस उदयगिरि दोनों आधुनिक युद्धपोत हैं जिनका निर्माण स्वदेशी तौर पर किया गया है.
“दोनों युद्धपोत समुद्र में खतरनाक अभियानों में गेम-चेंजर साबित होंगे”
उन्होंने कहा कि इन युद्धपोतों में कई उन्नत क्षमताएं हैं. इनमें लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइलें, स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर, टारपीडो लॉन्चर, युद्ध प्रबंधन प्रणाली और अग्नि नियंत्रण प्रणाली लगाई जा सकती हैं. ये दोनों युद्धपोत समुद्र में खतरनाक अभियानों में गेम-चेंजर साबित होंगे.
हम अपने जहाज भारत में ही बनाएंगे : राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि आईएनएस तमाल भारतीय नौसेना के लिए अंतिम विदेशी ऑर्डर था. हमने निर्णय लिया है कि भारतीय नौसेना के लिए भविष्य में कोई भी जहाज विदेश में नहीं बनाया जाएगा. हम अपने जहाज भारत में ही बनाएंगे. यह रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बहुत ही निर्णायक कदम है. इन युद्धपोतों के जलावतरण के साथ भारतीय नौसेना ने एक शताब्दी पूरी कर ली है. आज स्वदेशी F35 युद्धपोत भी लॉन्च किया गया है. एक देश के पास उड़ने वाला F-35 है और आपने तैरता हुआ F35 बनाया है, वह भी भारत में निर्मित.
हिंद महासागर में चल रहा शक्ति-खेल, रहना होगा सचेत : राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद महासागर में चल रहा शक्ति-खेल हमें बार-बार सचेत करता है. यहां कई देशों के हित टकराते हैं. इसलिए हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारी समुद्री तैयारी मजबूत बनी रहे. रक्षा मंत्री ने कहा कि नौसेना की भूमिका केवल समुद्र की सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आर्थिक सुरक्षा का भी एक प्रमुख स्तंभ है क्योंकि तेल, प्राकृतिक गैस जैसी भारतीय ऊर्जा आवश्यकताएं काफी हद तक क्षेत्र की सुरक्षा पर निर्भर करती हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना न केवल तटीय क्षेत्रों की रक्षा करती है, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और समृद्धि भी बनाए रखती है. ये दोनों युद्धपोत देश की सुरक्षा में मील का पत्थर साबित होंगे.
“नौसेना को मौका दिया गया होता तो…”
रक्षा मंत्री ने कहा कि देश ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर सीमा पार सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से प्रभावी और सटीक जवाब दिया. युद्धपोतों की त्वरित तैनाती और क्रियान्वयन में भारतीय नौसेना ने आगे आकर ताकत दिखाई. अगर नौसेना को मौका दिया गया होता तो संदेश बिल्कुल अलग होता. उन्होंने कहा कि भारत कभी भी आक्रामक विस्तारवाद में विश्वास नहीं करता है और पूरी दुनिया जानती है कि उसने कभी किसी देश पर पहले हमला नहीं किया. जब हमारी सुरक्षा पर हमला होता है, तो भारत जानता है कि कैसे जवाब देना है. मैं कहना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है, यह सिर्फ रुका हुआ है.