Mumbai : चेतेश्वर पुजारा ने भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है. रविवार को एक भावुक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पुजारा ने अपने इस महत्वपूर्ण फैसले को साझा किया. उन्होंने अपने लंबे और शानदार क्रिकेट करियर को अलविदा कहते हुए कहा कि भारतीय जर्सी पहनना और देश का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए गर्व और सम्मान की बात थी. पुजारा ने कहा कि इस अनुभव को शब्दों में बयां करना नामुमकिन है. राजकोट के एक छोटे से शहर से निकलकर भारतीय टेस्ट टीम की रीढ़ बनने तक का सफर तय करने वाले पुजारा ने हमेशा अपने शांत स्वभाव और अडिग फोकस से खुद को अलग साबित किया. उनके करियर का एकमात्र लक्ष्य था भारतीय क्रिकेट के लिए समर्पण और योगदान. यही वजह थी कि वह टीम इंडिया के लिए एक अहम स्तंभ बनकर उभरे, खासतौर पर टेस्ट क्रिकेट में. उन्हें राहुल द्रविड़ के बाद भारत की दीवार कहा जाने लगा.
क्रिकेट ने मुझे पहचान दी : पुजारा
अपने रिटायरमेंट नोट में पुजारा ने लिखा, ‘राजकोट के एक छोटे शहर से निकलकर मैंने क्रिकेट के जरिए सितारों को छूने का सपना देखा था. यह खेल मुझे सिर्फ पहचान ही नहीं, बल्कि जिंदगी के कई अनमोल अनुभव, उद्देश्य और सच्चा प्यार भी दे गया. सबसे बड़ी बात, इसने मुझे अपने राज्य और देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया.’ पुजारा का ये संदेश केवल एक विदाई नहीं थी, बल्कि उन सभी यादों, संघर्षों और उपलब्धियों का भावनात्मक पुनरावलोकन भी था जो उन्होंने पिछले दो दशकों में एक क्रिकेटर के तौर पर संजोईं. उन्होंने लिखा, ‘जर्सी पहनकर मैदान में उतरना, राष्ट्रगान गाना और हर बार अपना सर्वश्रेष्ठ देना, ये सब कुछ मेरे लिए बेहद खास था.’ हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि हर सफर का एक पड़ाव होता है और अब उन्होंने इस सफर को यहीं विराम देने का फैसला लिया है.
बीसीसीआई और सौराष्ट्र क्रिकेट संघ का आभार जताया
पुजारा ने बीसीसीआई और सौराष्ट्र क्रिकेट संघ का आभार जताते हुए लिखा कि इन संस्थाओं ने उन्हें मंच दिया, विश्वास दिखाया और हमेशा समर्थन किया. इसके साथ ही उन्होंने उन सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टीमों का भी धन्यवाद किया जिनका वह हिस्सा रहे, चाहे वह भारत के लिए खेलना हो, रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र की अगुआई करना हो या फिर इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन. अपने पोस्ट में पुजारा ने उन सभी का भी आभार व्यक्त किया जो पर्दे के पीछे रहकर टीम के लिए कार्य करते हैं, चाहे वह सपोर्ट स्टाफ, नेट बॉलर, ग्राउंड स्टाफ, अंपायर्स, स्कोरर्स, मीडिया कर्मी और एनालिस्ट्स तक. उन्होंने कहा कि इन सभी की मेहनत और समर्पण के बिना मैदान पर हमारा प्रदर्शन संभव नहीं होता. अपने प्रायोजकों, मैनेजमेंट और पार्टनर्स को भी पुजारा ने धन्यवाद कहा कि उन्होंने वर्षों तक उन पर भरोसा बनाए रखा और मैदान के बाहर भी उनका साथ दिया.
फैंस ने प्यार और समर्थन दिया : पुजारा
फैंस को लेकर पुजारा ने बेहद भावुक बातें कहीं. उन्होंने कहा कि दुनिया के हर कोने में उन्हें जो प्यार और समर्थन मिला, वो उनके लिए प्रेरणा का स्रोत रहा. चाहे मैदान भारत का हो या विदेश का, फैंस की ऊर्जा ने उन्हें हमेशा आगे बढ़ने का हौसला दिया. अपने परिवार का जिक्र करते हुए पुजारा की भावनाएं स्पष्ट झलकती हैं. उन्होंने लिखा कि उनके माता-पिता, पत्नी पूजा, बेटी अदिति, ससुराल पक्ष और पूरे परिवार ने इस सफर में जो त्याग किए और समर्थन दिया, वो अनमोल है. उन्होंने कहा कि अब वह अपने जीवन के अगले अध्याय में प्रवेश कर रहे हैं, जहां वह परिवार को प्राथमिकता देंगे और उनके साथ ज्यादा समय बिताना चाहेंगे.
मैं इस खेल का ऋणी हूं : पुजारा
पोस्ट के अंत में पुजारा ने हाथ जोड़ते हुए देशवासियों से मिले प्रेम और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने लिखा, ‘आप सभी के प्यार और आशीर्वाद ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया. मैं इस खेल का ऋणी हूं, और आप सभी का भी.’ चेतेश्वर पुजारा का रिटायर होना सिर्फ एक खिलाड़ी की विदाई नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के एक स्वर्णिम अध्याय का समापन है. उन्होंने जो धैर्य, अनुशासन और सम्मान के साथ खेला, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा. इसी के साथ 2020 के दशक में भारतीय टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी की रीढ़ रहे मुख्य खिलाड़ियों का रिटायर होना जारी है. पुजारा से पहले, रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टेस्ट को अलविदा कह दिया था. रविचंद्रन अश्विन ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है.