New Delhi : दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारत मंडपम में कार्यक्रम का आयोजन किया. द्वितीय अंतरिक्ष दिवस कार्यक्रम में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह और इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में इसरो अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के लिए कुछ लोगों को धन्यवाद देना चाहिए. 23 अगस्त 2023 एक ऐतिहासिक दिन था. भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग कराई. हम ऐसा करने वाले एकमात्र देश हैं. भारत के प्रधानमंत्री एक दूरदर्शी नेता हैं और हमारे मंत्री ने हमें अंतरिक्ष गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दिशानिर्देश दिए. उन्होंने ही चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का नाम ‘शिव शक्ति’ प्वाइंट रखा. उन्होंने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में भी घोषित किया.
शुभांशु शुक्ला को आईएसएस भेजना बड़ी उपलब्धि : वी नारायणन
इसरो अध्यक्ष ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है कि हमारे एक गगनयात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा गया. इसके लिए एक बार फिर प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद देना चाहिए. यह उनका ही विचार था कि अपने रॉकेट के जरिये किसी गगनयात्री को अंतरिक्ष में भेजने से पहले हमें उनमें से एक यात्री को आईएसएस पर भेजना चाहिए. उनके इसी विजन के चलते आज हमें बड़ी सफलता मिली. शुभांशु शुक्ला आईएसएस गए और सकुशल वापस आ गए. उनके तीन सहयोगियों को भुलाया नहीं जा सकता. हमारे चार गगनयात्री हैं. मैं कहता था कि चारों लोग हमारे लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं. आखिरकार केवल एक व्यक्ति को ही यह अवसर मिला.
2028 तक पहला मॉड्यूल लॉन्च किया जाएगा : वी नारायणन
इसरो चेयरमैन ने कहा कि हम चंद्रयान-4 मिशन शुरू करने जा रहे हैं. हम वीनस ऑर्बिटर मिशन शुरू करने जा रहे हैं. 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा और 2028 तक पहला मॉड्यूल लॉन्च किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने NGL (नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्चर) को मंजूरी दे दी है. 2040 तक भारत चंद्रमा पर उतरेगा और हम उसे सुरक्षित वापस लाएंगे. 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम दुनिया के किसी भी अन्य अंतरिक्ष कार्यक्रम के बराबर होगा.
“भारत दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया”
इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम देसाई ने कहा कि 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान 3 का लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा था. इसलिए इसकी याद में पीएम मोदी ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने की घोषणा की थी. आज हम दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मना रहे हैं. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं. राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष के बारे में लोगों का ज्ञान बढ़ाना और उन्हें अंतरिक्ष में भारत द्वारा प्राप्त सफलताओं से प्रेरणा लेना है. भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक विशेषता यह रही है कि हमारे ग्रह अन्वेषण कार्यक्रम में हमने पहले परीक्षण में सफलता प्राप्त की है. केवल चंद्रयान 2 के दौरान ही हमने उतरने की कोशिश की थी, लेकिन हम असफल रहे. चंद्रयान-3 23 अगस्त 2023 को सफलतापूर्वक उतरा और भारत दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया.