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क्यों एनडीए नेता विपक्ष से मांग रहे समर्थन, क्या उन्हें अपनी संख्याबल पर भरोसा नहीं? : संजय राउत

New Delhi : शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने कहा कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए को अपनी संख्याबल पर भरोसा नहीं है. इसी कारण एनडीए के नेता विपक्षी दलों से समर्थन मांग रहे हैं. राउत ने सवाल उठाया कि जब बहुमत आपके पास है, तो विपक्ष से समर्थन की जरूरत क्यों पड़ रही है. संजय राउत ने दावा किया कि विपक्षी गठबंधन का संख्याबल भी मामूली नहीं है. विपक्ष ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुधर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा की ओर से महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके सीपी राधाकृष्णन को मैदान में उतारा गया है. राउत ने दावा किया कि भाजपा नेताओं ने कई विपक्षी दलों से आधिकारिक तौर पर संपर्क किया और वोट की अपील की.
“एनडीए की स्थिति उतनी मजबूत नहीं जितना दिखाया जा रहा”
संजय राउत ने सवाल उठाया कि अगर एनडीए को संसद में बहुमत का भरोसा है, तो विपक्षी नेताओं से संपर्क करने की मजबूरी क्यों पड़ी. उन्होंने कहा कि यह साफ संकेत है कि एनडीए की स्थिति उतनी मजबूत नहीं है जितनी दिखाने की कोशिश की जा रही है. राउत ने आरोप लगाया कि इस बार भी सत्ताधारी गठबंधन अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने से पहले विपक्ष से संवाद करने में नाकाम रहा.
सीपी राधाकृष्णन पर संजय राउत ने साधा निशाना
संजय राउत ने भाजपा के उम्मीदवार और पूर्व राज्यपाल राधाकृष्णन पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब राधाकृष्णन झारखंड के राज्यपाल थे, तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजभवन से ही गिरफ्तार किया था. राउत के अनुसार यह पूरी कार्रवाई संवैधानिक परंपराओं के खिलाफ थी. उन्होंने आरोप लगाया कि राधाकृष्णन ने उस वक्त ईडी अधिकारियों को नहीं रोका और न ही संवैधानिक दायरे में अपनी भूमिका निभाई.
लोकतंत्र बचाने की लड़ाई : संजय राउत
राज्यसभा सांसद राउत ने कहा कि विपक्ष की लड़ाई केवल एक पद के लिए नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र बचाने की लड़ाई है. उन्होंने साफ कहा कि विपक्ष तानाशाही प्रवृत्ति और उसे समर्थन देने वाली ताकतों के खिलाफ खड़ा है. उपराष्ट्रपति चुनाव नौ सितंबर को होना है और इस चुनाव को लेकर सियासी माहौल गरमाया हुआ है.
Ideal Express News