New Delhi: महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एनडीए ने उप राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इसका स्वागत किया. नायडू ने कहा कि राधाकृष्णन एक वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने हमेशा ईमानदारी और जनसेवा के मूल्यों को बनाए रखा है. उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन का लंबा राजनीतिक जीवन देश के लिए एक प्रेरणा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नायडू ने लिखा, “राधाकृष्णन को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए जाने पर बधाई. वह एक वरिष्ठ और सम्मानित नेता हैं, जिन्होंने देश की लंबे समय तक सेवा की है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) उनके नामांकन का गर्मजोशी से स्वागत करती है और उन्हें पूरा समर्थन देती है.”
पवन कल्याण ने भी दी बधाई
वहीं आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी राधाकृष्णन को एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुने जाने पर बधाई दी. कल्याण ने कहा कि राधाकृष्णन का सफर- कोयंबटूर से दो बार सांसद रहना, झारखंड के राज्यपाल के रूप में सेवा देना और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्य करना- उनकी नेतृत्व क्षमता, समर्पण और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. कल्याण ने एक्स पर लिखा, भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार के रूप में राधाकृष्णन के नामांकन पर हार्दिक बधाई. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राधाकृष्णन का बड़ा अनुभव और जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण उन्हें हमारे महान देश के मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रेरणादायी विकल्प बनाता है. जनसेना पार्टी के संस्थापक कल्याण ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा का भी आभार जताया. उन्होंने इसे भारत के लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम बताया.
सीपी राधाकृष्णन को डीएमके नहीं देगी समर्थन
भाजपा ने तमिलनाडु से आने वाले सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में माना जा रहा है कि तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके भी सीपी राधाकृष्णन के नाम पर समर्थन दे सकती है, लेकिन डीएमके ने साफ कर दिया है कि वे राधाकृष्णन को समर्थन नहीं देंगे और विपक्षी गठबंधन के फैसले के साथ रहेंगे. डीएमके ने कहा है कि सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति बनने से तमिलनाडु का कोई भला नहीं होने वाला. वरिष्ठ द्रमुक नेता टीकेएस एलंगोवन ने सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि भाजपा द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित करने से तमिलनाडु का कोई भला नहीं होने वाला. पूर्व राज्यसभा सांसद एलंगोवन ने आश्चर्य जताया कि द्रमुक को राधाकृष्णन की उम्मीदवारी का समर्थन क्यों करना चाहिए और कहा कि उनकी पार्टी इंडी गठबंधन के फैसले का पालन करेगी, जिसमें उनकी पार्टी एक प्रमुख सहयोगी है.
तमिलनाडु का कोई भला नहीं होने वाला : एलंगोवन
एलंगोवन ने कहा कि राधाकृष्णन का नामांकन उनकी पदोन्नति है, लेकिन इससे तमिलनाडु का कोई भला नहीं होने वाला. केंद्र की भाजपा सरकार पर तमिलनाडु का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ‘राधाकृष्णन का नामांकन मार्च-अप्रैल 2026 में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में हुआ है. भाजपा नेतृत्व ने यह दावा करने के लिए एक तमिल व्यक्ति को नामित किया है कि उसने तमिलों के लिए अच्छा काम किया है. इसके अलावा कार्यकाल केवल लगभग 2 वर्षों का होगा, जो जगदीप धनखड़ के कार्यकाल का शेष है.’
सीपी राधाकृष्णन चार दशकों से तमिलनाडु की राजनीति में सक्रिय
सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं और तमिलनाडु भाजपा का प्रमुख चेहरा रहे हैं. राधाकृष्णन किशोरावस्था में ही संघ से जुड़ गए थे. तमिलनाडु की कोयंबटूर सीट से दो बार लोकसभा सांसद रहे. वे करीब चार दशकों तक तमिलनाडु की राजनीति में सक्रिय रहे.