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‘मन की बात’ का 124वां संस्करण : पीएम मोदी ने कहा- “विज्ञान को लेकर बना माहौल, बच्चे अंतरिक्ष विज्ञान में ले रहे रुचि”

New Delhi: आज, रविवार, 27 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया. ‘मन की बात’ का यह 124वां संस्करण था. अपने संबोधन में पीएम मोदी कहा- “मन की बात में एक बार फिर बात होगी देश की सफलताओं की, देशवासियों की उपलब्धि की, पिछले कुछ समय में पूरा देश, खेल, विज्ञान और संस्कृति को लेकर बहुत कुछ ऐसा हुआ है, जिस पर हर भारतीय को गर्व है. अभी हाल ही में शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी की बहुत चर्चा हुई. जैसे ही शुभांशु धरती पर उतरे तो पूरा देश खुशी और गर्व से भर गया.” उन्होंने आगे कहा- “मुझे याद है कि जब चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग हुई तो देश में विज्ञान को लेकर अलग माहौल बना. अब छोटे-छोटे बच्चे अंतरिज्ञ विज्ञान में रुचि ले रहे हैं. आपने इंस्पायर मानक अभियान का नाम सुना होगा. यह बच्चों में इनोवेशन को बढ़ावा देने का अभियान है. इस अभियान में हर स्कूल से पांच बच्चे चुने जाते हैं. हर बच्चा एक नया आइडिया लेकर आता है. इससे अब तक लाखों बच्चे जुड़ चुके हैं और चंद्रयान-3 मिशन के बाद इनकी संख्या दोगुनी हो गई है.”
देश में स्पेस स्टार्ट-अप तेजी से बढ़ रहे : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी बोले ‘देश में स्पेस स्टार्ट-अप तेजी से बढ़ रहे हैं. पांच साल पहले देश में 50 से भी कम स्टार्टअप थे. आज सिर्फ स्पेस सेक्टर में ही ये 200 से ज्यादा हो गए हैं. अगले महीने 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे है. आप इसे कैसे मनाएंगे, कोई नया विचार है तो मुझे नमो एप पर जरूर भेजिए.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ’21वीं सदी में भारत में विज्ञान तेजी से आगे बढ़ रहा है. कुछ दिन पहले इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में भारत के देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्जवल केसरी ने मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया. गणित की दुनिया में भी भारत अपनी जगह बना रहा है और इंटरनेशनल मैथमेटिकल ओलंपियाड में हमारे छात्र तीन गोल्ड, दो सिल्वर और एक कांस्य पदक जीत चुके हैं. अगले महीने मुंबई में एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स ओलंपियाड होने जा रहा है. यह अब तक का सबसे बड़ा ओलंपियाड होगा. भारत अब ओलंपिक और ओलंपियाड, दोनों के लिए आगे बढ़ रहा है.’
‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने और क्या-क्या कहा?
– ‘यूनेस्को ने 12 मराठा किलो को वर्ल्ड हेरीटेज साइट्स के रूप में मान्यता दी है
– इनमें 11 महाराष्ट्र के और एक तमिलनाडु का किला शामिल है
– सल्हेर के किले में मुगलों की हार हुई
– शिवनेरी में छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ
– खानदेरी में समुद्र के बीच किला है. दुश्मन उन्हें रोकना चाहते थे, लेकिन शिवाजी महाराज ने असंभव को संभव करके दिखा दिया
– प्रतापगढ़ के किले में अफजल खान पर जीत मिली
– विजयदुर्ग में गुप्त सुरंगें थीं. छत्रपति शिवाजी महाराज की दूरदर्शिता का प्रमाण इस किले में मिलता है
– कुछ साल पहले रायगढ़ के दौरे पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने नमन करने का मौका मिला
– देश में और भी कई ऐसे अद्भुत किले हैं, जिन्होंने आक्रमण झेले, खराब मौसम की मार झेली लेकिन आत्मसम्मान को कभी झुकने नहीं दिया
– राजस्थान का चित्तौड़गढ़ का किला, आमेर किला, जैसलमेर का किला विश्व प्रसिद्ध है
– इस तरह कर्नाटक का गुलबर्गा का किला भी बहुत बड़ा है
– चित्रदुर्ग के किले की विशालता भी आपको कौतूहल से भर देती है
– उत्तर प्रदेश के बांदा में कालिंजर किला. महमूद गजनवी ने कई बार इस किले पर हमला किया और हर बार असफल रहा
– बुंदेलखंड में कई किले हैं, जिनमें ग्वालियर, झांसी, दतिया, अजयगढ़, गढ़कुंडार, चंदेरी
– ये सिर्फ ईंट पत्थर नहीं, हमारी संस्कृति के प्रतीक हैं
– संस्कार और स्वाभिमान हैं. मेरा आग्रह है, सभी देशवासी इन किलों की यात्रा करें और इतिहास को जानें
पीएम मोदी ने खुदीराम बोस का किया जिक्र
– पीएम मोदी ने महान स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस का जिक्र किया.
– उन्होंने कहा कि ’11 अगस्त 1908 को बिहार के मुजफ्फरपुर में हर हलचल थमी हुई थी
– एक 18 साल का युवा अंग्रेजों के खिलाफ अपना देश-प्रेम व्यक्त करने की कीमत चुका रहा था
– जेल के अफसर युवा को फांसी देने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन वह युवा डर नहीं, जोश से भरा हुआ था
– सिर्फ 18 साल की उम्र में खुदीराम बोस ने जो साहस दिखाया, उसने पूरे देश को झकझोर दिया
– ऐसे ही अनगिनत बलिदानों के बाद हमें आजादी मिली
– प्रधानमंत्री ने कहा कि अगस्त का महीना क्रांति का होता है
– इसी महीने बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि होती है
– इसी महीने 8 अगस्त को गांधी जी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की
– 15 अगस्त को देश को आजादी मिली, लेकिन इसमें बंटवारे की टीस भी है
– 14 अगस्त को हम विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में मनाते हैं
टेक्सटाइल सेक्टर भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक’
– पीएम मोदी ने हर साल 7 अगस्त को नेशनल हैंडलूम दिवस मनाए जाने का जिक्र किया.
– प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई में खादी ने ताकत दी.
– अब देश के विकास में भी टेक्सटाइल सेक्टर ताकत दे रहा है.
– लाखों लोग इससे जुड़कर सफलता की नई गाथा लिख रहे हैं.
– पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के पैठण की कविता धवले का जिक्र किया, जो पैठणी साड़ी बनाकर बेच रही हैं
– ओडिशा के मयूरभंज में आदिवासी महिलाएं संथाली साड़ी को फिर से जीवित कर रही हैं
– पीएम मोदी ने कहा कि ये महिलाएं सिर्फ कपड़ा नहीं बल्कि अपनी पहचान बना रही हैं
– आज भारत में 3000 से ज्यादा टेक्सटाइल स्टार्टअप सक्रिय हैं
– जिन्होंने भारत के हैंडलूम को वैश्विक स्तर पर पहचान दी है
– 2047 में विकसित भारत का रास्ता आत्मनिर्भरता से होकर गुजरता है और यही सबसे बड़ा आधार है
– जो चीजें भारत में बनी हों, जिसे बनाने में किसी भारतीय का पसीना बहा हो, वही खरीदें
पीएम मोदी ने पर्व-त्योहारों की दी शुभकामना
आखिर में पीएम मोदी ने कहा कि सावन की फुहारों के बीच देश एक बार फिर त्योहारों की रौनक में सजने के लिए तैयार है. हरियाली तीज, नाग पंचमी और रक्षा बंधन फिर जन्माष्टमी सभी पर्व हमारी भावनाओं से जुड़े हैं. ये हमें प्रकृति से जुड़ाव और संतुलन का भी संदेश देते हैं.
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