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राहुल गांधी ने स्वीकार की गलती, कहा- ‘ओबीसी की उस तरह रक्षा नहीं की जिस तरह करनी चाहिए थी, पहले ही करा देता जाति जनगणना’

New Delhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने स्वीकार किया है कि उन्होंने ओबीसी के लोगों की रक्षा उस तरह नहीं की, जैसे उन्हें करनी चाहिए थी. कांग्रेस के भागीदारी न्याय सम्मेलन में उन्होंने कहा कि वह इसे सुधारना चाहते हैं. अगर उन्हें समझ होती तो वह साल 2004 में ही जाति जनगणना करा देते. कांग्रेस के भागीदारी न्याय सम्मेलन का आयोजन शुक्रवार, 25 जुलाई को दिल्ली में हुआ. इस कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा, “मैं 2004 से राजनीति में हूं. जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मैंने गलती की. मैंने ओबीसी की उस तरह रक्षा नहीं की जैसी मुझे करनी चाहिए थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैं उस समय आपके मुद्दों को गहराई से नहीं समझ पाया था. मुझे अफसोस है कि अगर मुझे ओबीसी के इतिहास, आपके मुद्दों के बारे में थोड़ा भी पता होता, तो मैं उसी समय जाति जनगणना करा लेता. यह मेरी गलती है.
ओबीसी वर्ग को सम्मान दिलाना है : राहुल गांधी
राहुल गांधी ने ओबीसी वर्ग को देश की देश की पोडक्टिव फोर्स करार दिया और कहा कि उनका उद्देश्य देश की इस शक्ति को सम्मान दिलाना है. तेलंगाना जाति जनगणना के आंकड़ों का हवाला देते हुए राहुल ने कहा “आंकड़ों के अनुसार, तेलंगाना में किसी भी ओबीसी, दलित या आदिवासी को करोड़ों का कॉर्पोरेट पैकेज नहीं मिला. वे केवल मनरेगा की कतारों में खड़े हैं.” राहुल ने कहा कि वह इन लोगों को सम्मान दिलाना चाहते हैं और इनका उत्थान करना चाहते हैं. राहुल ने कहा, “ओबीसी के मुद्दे और समस्याएं छिपी रहती हैं. इन्हें आसानी से नहीं देखा जा सकता. मुझे अफसोस है कि अगर मुझे आपके (ओबीसी) इतिहास के बारे में, आपके मुद्दों के बारे में, थोड़ा भी पता होता, तो मैं उसी समय जाति जनगणना करवा लेता. यह मेरी गलती है. यह कांग्रेस पार्टी की गलती नहीं है, यह मेरी गलती है.
मैं उस गलती को सुधारने जा रहा हूं : राहुल
राहुल गांधी ने कहा- मैं उस गलती को सुधारने जा रहा हूं. एक तरह से, यह अच्छा है कि गलती हुई. अगर उस समय जाति जनगणना हो जाती, तो यह उस तरह नहीं होता जैसा अब होने वाला है. हमने तेलंगाना में जो किया है, वह एक राजनीतिक भूकंप है. इसने भारत की राजनीतिक जमीन हिला दी है. आपने अभी तक झटके महसूस नहीं किए हैं, लेकिन काम हुआ है. सुनामी आई थी. लेकिन आपने सुनामी को शुरू करने वाले भूकंप को नहीं देखा. यह समुद्र में था. इसका प्रभाव 2-3 घंटे बाद महसूस किया गया. तेलंगाना में भी यही हुआ है.”
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