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दिल्ली : निमिषा मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, यमन में पीड़ित परिवार से समझौता करने पर जोर, कोर्ट ने कहा- केंद्र सरकार को दें ज्ञापन

Delhi : नर्स निमिषा प्रिया मामले की आज यानी 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. निमिषा फिलहाल यमन की जेल में बंद है. याचिकाकर्ता संस्था ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सजा फिलहाल टाल दी गई है. कोर्ट से याचिकाकर्ता संस्था ने यमन जाकर पीड़ित परिवार से मिलने और समझौते का प्रयास करने की बात कही. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता इसके लिए सरकार को ज्ञापन दे. बता दें कि निमिषा प्रिया को हत्या के जुर्म में फांसी की सजा दी गयी है. 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी लेकिन इसे टाल दिया गया. वहीं मामले में केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने बेंच से कहा कि सभी निमिषा की सुरक्षित वापसी चाहते हैं, लेकिन मामले में अधिक दखल का परिणाम बुरा भी हो सकता है. विदेश मंत्रालय ने औपचारिक और अनौपचारिक, दोनों तरीकों से सजा को टालने का अनुरोध किया है.
सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल ने कहा- यमन में सजा खत्म करने का प्रावधान
‘सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल’ नाम की संस्था ने कहा है कि यमन के कानून में हत्या की सजा खत्म करने का प्रावधान है. मृतक का परिवार दोषी पक्ष से समझौते और नकद भुगतान के बाद हत्यारे को माफ कर सकता है. ऐसे में अगर केंद्र सरकार दखल दे तो समाधान निकल सकता है. केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया पर यमन नागरिक की हत्या का दोष सिद्ध हुआ है. उसे 16 जुलाई को फांसी होनी थी, लेकिन भारत सरकार और केरल के एक वरिष्ठ मुफ्ती के प्रयासों से इसे फिलहाल टाल दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को अगली सुनवाई की बात कही है.

क्या है निमिषा प्रिया का मामला?
– निमिषा प्रिया पर 2017 में यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोष सिद्ध हुआ
– 2020 में उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी
– याचिका दाखिल करने वाली संस्था ने बताया है कि 37 साल की निमिषा खुद एक पीड़िता है
– महदी ने लंबे समय से उसका पासपोर्ट जब्त कर रखा था
– वह लगातार उसे प्रताड़ित कर रहा था
Ideal Express News