Vadodara, Gujarat: बुधवार सुबह दुखद खबर गुजरात के वडोदरा से आयी जहां चार दशक पुराने पुल के ढह जाने से कई वाहन नदी में गिर गये. हादसे में 9 लोगों की मौत हो गयी जबकि बचाव दल ने 6 लोगों को बचा लिया. घटना बुधवार सुबह साढ़े सात बजे की है. बता दें कि 900 मीटर लंबा ये पुल वडोदरा और आनंद जिला को जोड़ता है. वडोदरा कलेक्टर अनिल धमेलिया ने कहा- “घटना के बाद स्थानीय तैराक, नावें और नगर निगम की टीमें तुरंत मौके पर पहुँच गईं. आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र, एनडीआरएफ की टीमें और अन्य प्रशासनिक व पुलिस टीमें मौके पर मौजूद हैं. बचाव अभियान जारी है. हमने अब तक 9 शव बरामद किए हैं. 5 लोग घायल हैं, एक छठा घायल व्यक्ति अभी-अभी मिला है और उसे चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है. यह पुल साल 1985 में बनाया गया था और समय-समय पर इसकी मरम्मत और रखरखाव का कार्य होता रहा है. इस हादसे के पीछे की असल वजह की जांच की जाएगी.”
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जांच के दिये निर्देश
वहीं मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को घटनास्थल पर भेजने और पुल गिरने के कारणों की जांच करने के निर्देश दिए हैं. शुरुआती जानकारी के अनुसार, दो ट्रक, एक बोलेरो एसयूवी और एक पिकअप वैन सहित चार वाहन पुल पार कर रहे थे, तभी अचानक यह ढह गया और कई वाहन महिसागर नदी में गिर गए.

कांग्रेस ने सरकार को घेरा
गुजरात कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने कहा- “गुजरात के आणंद और वडोदरा जिलों को जोड़ने वाला मुख्य पुल, गंभीरा पुल आज सुबह ढह गया. पूरे सौराष्ट्र का यातायात यहां से होकर गुजरता है. हमने सरकार से बार-बार माँग की थी, और लोगों ने पत्र भी लिखे थे कि पुल की हालत ठीक नहीं है और इसकी मरम्मत करवाई जानी चाहिए. लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया. इसी वजह से यह हादसा हुआ. सरकार की लापरवाही के कारण आज यह पुल ढह गया और लोगों की मौत हो गई. हम सरकार से जांच की मांग करते हैं. हमने आणंद और वडोदरा प्रशासन से तुरंत बचाव कार्य शुरू करने के लिए बात की है. हमने पुल ढहने की घटना के बाद वैकल्पिक व्यवस्था की भी मांग की है. लेकिन हम सरकार से मांग करते हैं कि गुजरात में ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहती हैं, इसलिए उसे राज्य के सभी पुलों का ऑडिट करवाना चाहिए, उनके फिटनेस प्रमाणपत्र लेने चाहिए और उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए.”

















