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इमरजेंसी के 50 साल : बोले पीएम मोदी- “आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों को सलाम”

New Delhi: आज यानी 25 जून को इमरजेंसी के 50 साल पूरे हो गए. आज के ही दिन 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी. ये आपातकाल 21 महीने 21 मार्च 1977 तक लागू रहा. इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- “यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है. भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं. इस दिन, भारतीय संविधान के मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकार छीन लिए गए, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया गया. कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया.”

मजबूर होकर कांग्रेस को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे लिखा- आपातकाल के खिलाफ लड़ाई करने वालों को सलाम. हम आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में डटे रहने वाले हर व्यक्ति को सलाम करते हैं. ये पूरे भारत से, हर क्षेत्र से, अलग-अलग विचारधाराओं से आए लोग थे, जिन्होंने एक ही उद्देश्य से एक-दूसरे के साथ मिलकर काम किया. भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना, जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया. यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था, जिसने सुनिश्चित किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए.”

पीएम मोदी की अहम बातें

– इमजरजेंसी के वक्त मैं आरएसएस का युवा प्रचारक था
– ‘द इमरजेंसी डायरीज’ नाम की किताब का भी उल्लेख किया
– आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सीखने का अनुभव था
– इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को बचाए रखने की अहमियत को दिखाया
– मुझे राजनीतिक स्पेक्ट्रम के सभी लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला
– मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक किताब के रूप में संकलित किया है
– इसकी प्रस्तावना पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा ने लिखी है, जो खुद आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे

आपातकाल पर अन्य नेताओं ने क्या-क्या कहा?

“आज से 50 साल पहले कांग्रेस की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी, जो कोई राजनीतिक घटना नहीं बल्कि लोकतंत्र पर सीधा हमला था. पचास साल बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ जी रही है. उसके इरादे आज भी वही हैं जो 1975 में थे”- जेपी नड्डा

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने क्या कहा-

“यह देश की आत्मा को कुचलने का सीधा प्रयास था. आपातकाल एक परिवार की तरफ से रचा गया षड्यंत्र था जो सत्ता के नशे में था और यह कांग्रेस की अत्याचारी और क्रूर मानसिकता का भी प्रमाण था.”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिखा-

“देश में आपातकाल, कानूनों के हथियारीकरण, न्यायिक स्वतंत्रता के हनन और नियमों की अनदेखी करके लगाया गया था. कांग्रेस में जो लोग हाथ में संविधान की कॉपी लेकर घूमते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि 50 साल भी भारत उस अत्याचार को याद करता है.”

 

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