दिल्ली में भाजपा सरकार के पहले 100 दिनों में शिक्षा नीति में कई बदलाव हुए। हैप्पीनेस करिकुलम जैसी योजनाएं बंद हुईं और नई योजनाएं शुरू की गईं। छात्रों को स्टार्टअप के लिए फंडिंग मिल रही है और पाठ्यक्रम में योग शामिल किया गया है। निजी स्कूलों पर फीस को लेकर नियंत्रण कसा गया है और जरूरतमंद छात्रों को मुफ्त शिक्षा मिलेगी। शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ध्यान देना जरूरी है।

100 दिन का रिपोर्ट कार्ड, दिल्ली सरकार में इन योजनाओं पर सबसे तेज हुआ काम;
नई दिल्ली ( IEN ) दिल्ली में भाजपा सरकार के पहले 100 दिन शिक्षा नीति में बदलाव के नाम रहे। आप सरकार की प्रमुख योजनाएं जैसे हैप्पीनेस करिकुलम और बिजनेस ब्लास्टर्स अनुपयोगी पाते हुए बंद कर दी गई और नई सरकार ने नीव और साइंस आफ लिविंग जैसे कार्यक्रम शुरू किए। नीव (न्यू एरा आफ एंटरप्रेन्योरियल इकोसिस्टम एंड विजन) के तहत छात्रों को स्टार्टअप आइडिया के लिए 20 हजार रुपये तक की फंडिंग दी जा रही है। साइंस आफ लिविंग में योग, माइंडफुलनेस और नैतिक शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। इसके साथ ही 257 स्कूलों में कौशल पाठ्यक्रम शुरू हुए हैं, जिससे अब 800 से अधिक स्कूलों में आइटी, हेल्थकेयर, एआइ जैसे विषय पढ़ाए जा रहे हैं। नई योजनाओं को लागू करने से पहले शिक्षकों के प्रशिक्षण या आवश्यक संसाधनों की दिशा में अभी कार्य नहीं किया है, जो कि जरूरी है। सरकार की योजनाओं की प्रभावशीलता और कार्यान्वयन को लेकर बीच-बीच में सवाल भी उठ रहे हैं, लेकिन सरकार का फोकस शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाने पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
निजी स्कूलों पर लगाम
सरकार ने दिल्ली स्कूल शिक्षा पारदर्शिता निर्धारण और फीस विनियमन-2025 विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी दिलाई है। इसके तहत अब निजी स्कूल मनमनी फीस नहीं बढ़ा सकेंगे और फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा निदेशालय की अनुमति जरूरी होगी। फीस विवाद की स्थिति में तीन स्तरीय शिकायत समिति गठित की गई है। बच्चों का नाम काटना, परिणाम रोकना या कक्षा से वंचित करना अब प्रतिबंधित रहेगा। महर्षि वाल्मीकि कालेज में वर्षों से लंबित एमएड कोर्स को शुरू करने की प्रक्रिया तेज हुई है। साथ ही जरूरतमंद छात्रों के लिए केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा योजना लागू की जा रही है। प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्रों को 15 हजार रूपये की सहायता और अनुसूचित जाति के छात्रों को एक हजार रूपये मासिक वजीफा मिलेगा।
अब तक की कार्रवाई
- 970 स्कूलों का निरीक्षण हुआ
- 150 से अधिक फीस वृद्धि की शिकायतों पर नोटिस भेजा
- 42 स्कूलों को डमी क्लास का भंडाफोड़
- 300 से अधिक किताबों और यूनिफार्म से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण किया।
