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रांची : इस्कॉन मंदिर में धूमधाम से मनायी गयी श्रीराधाष्टमी, राधा-माधव के जयकारों से गूंज उठा मंदिर परिसर

सौरभ राय/ आइडियल एक्सप्रेस
Ranchi: राजधानी रांची के कांके रोड स्थित इस्कॉन मंदिर परिसर में रविवार को श्रीकृष्णप्रिय श्री राधारानी का जन्मोत्सव बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया. इस अवसर पर पूरे मंदिर प्रांगण को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया था. सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया और दिनभर राधा-माधव के जयकारों से वातावरण भक्तिमय रहा.
कीर्तन से श्रीराधाष्टमी का शुभारंभ
श्रीराधाष्टमी महोत्सव की शुरुआत हरे कृष्ण महामंत्र कीर्तन से हुई. भक्तों ने नृत्य और भक्ति गीतों के माध्यम से राधारानी की महिमा का गुणगान किया. कीर्तन के दौरान पूरा मंदिर परिसर भक्तिरस से सराबोर हो गया.
भागवत कथा और लीलाओं का वर्णन
कार्यक्रम के दौरान विशेष आकर्षण का केंद्र वृंदावन धाम से पधारे प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक श्रीमान हयग्रीव प्रभु का प्रवचन रहा. उन्होंने श्री राधारानी की लीलाओं और उनके महत्व का विस्तारपूर्वक वर्णन किया. कथा श्रवण के दौरान उपस्थित भक्तों की आँखें कई बार आंसुओं से नम हो गईं और वातावरण भावविभोर हो उठा.
महाभिषेक और 256 भोग का अर्पण
श्री राधा-माधव के विग्रह का 51 पवित्र द्रव्यों से महाभिषेक किया गया. अभिषेक के दौरान पूरे मंदिर में मंत्रोच्चारण और शंखध्वनि गूंजती रही. इसके बाद 256 प्रकार के स्वादिष्ट भोग भगवान को अर्पित किए गए. यह दृश्य भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा.
राधारानी की लीलाओं का मंचन
वृन्दा ग्रुप की भक्त महिलाओं ने राधारानी की लीलाओं को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया. नाटक के साथ-साथ भक्तों द्वारा भक्ति गीत और नृत्य की प्रस्तुतियाँ भी दी गईं, जिन्हें उपस्थित जनों ने खूब सराहा.
भक्तों की रही अहम भागीदारी
इस पावन अवसर पर 1500 से अधिक भक्त शामिल हुए. श्रद्धालुओं की भीड़ के बावजूद मंदिर प्रबंधन और स्वयंसेवकों ने व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाए रखा.
महाप्रसाद वितरण के साथ समापन
कार्यक्रम का समापन महाआरती और महाप्रसाद वितरण के साथ हुआ. भक्तों ने प्रेम और भक्ति भाव से प्रसाद ग्रहण किया और श्री राधारानी के चरणों में सिर नवाया.
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