Patna : बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख से पहले ही सियासी पारा चरम पर है. एनडीए और महागठबंधन के नेता एक दूसरे पर जमकर सियासी तीर छोड़ रहे हैं. इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस और राजद पर करारा हमला बोला है. महागठबंधन की मतदाता अधिकार यात्रा में शामिल होने के लिए बिहार पहुंचे तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि ये दल बिहार के ‘गौरव और स्वाभिमान’ का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि महागठबंधन बार-बार ऐसे नेताओं को बिहार बुला रहा है जिन्होंने पहले बिहारी समाज का मजाक उड़ाया था. एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव बिहार के लोगों को गाली देने वालों को राज्य में प्रचार करने के लिए बुला रहे हैं. वे बिहार के गौरव और स्वाभिमान का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियों ने बिहारियों का मजाक उड़ाने वाले नेताओं को राज्य में ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ अभियान में भाग लेने के लिए बार-बार आमंत्रित किया है.
बिहार का मजाक उड़ाने वालों को बिहार बुला रही कांग्रेस : भाजपा
उन्होंने बिहारियों को लेकर कांग्रेस नेताओं के पूर्व में दिए गए बयानों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि रेवंत रेड्डी, प्रियंका वाड्रा के बाद अब उन्हें स्टालिन मिल गए हैं. रेवंत रेड्डी, जिन्होंने पहले बिहारी डीएनए का मजाक उड़ाया था. वहीं, प्रियंका वाड्रा, जिन्होंने चरणजीत चन्नी द्वारा बिहारियों को गाली दिए जाने पर बेशर्मी से ताली बजाई थी. उन्होंने डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पर भी निशाना साधा. स्टालिन की पार्टी के नेता ने कहा था कि बिहार के लोग सिर्फ शौचालय साफ करने के लिए हैं. उन्होंने कहा कि यह कोई संयोग नहीं है. यह आरजेडी-कांग्रेस की मानसिकता है. मेहनतकश बिहारी गाली खाने के लिए निशाना बनते हैं, जबकि अवैध बांग्लादेशियों को वोट बैंक माना जाता है.
तेजस्वी यादव और प्रियंका गांधी ने एनडीए पर किया पलटवार
इस बीच, राजद नेता तेजस्वी यादव ने एनडीए पर तीखा हमला बोला है. उन्होने कहा कि एनडीए का मतलब है कि नहीं देंगे अधिकार. जनता जानती है कि वोट चोरी हो रही है, लेकिन इस बार जनता अपने वोट की रक्षा करेगी. बीजेपी-एनडीए को करारी हार मिलेगी. वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि केंद्र और बिहार की एनडीए सरकार जनता के असली मुद्दों- महंगाई, बेरोजगारी, पलायन और आर्थिक संकट को सुलझाने में विफल रही है और अब वोट चोरी की साजिश रच रही है.