Ranchi : झारखंड के पुरोधा, आदिवासी समाज की आवाज और झारखंड आंदोलन के नायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर शोक की लहर केवल झारखंड तक सीमित नहीं है. राष्ट्रीय स्तर के तमाम नेताओं ने भी इसे बहुत बड़ी क्षति बताया. इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शिबू सोरेन के योगदान को युगांतकारी बताया. अन्नपूर्णा देवी ने बेहद भावुक स्वर में कहा कि शिबू सोरेन का जाना केवल झारखंड के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. झारखंड तो आज शून्य हो गया. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन झारखंड की आत्मा थे और उनका जीवन समाज के उन वर्गों के लिए समर्पित रहा जो सदियों से हाशिए पर थे.
गरीबों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे : अन्नपूर्णा देवी
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि शिबू सोरेन ने सत्ता की राजनीति से ऊपर उठकर समाज सेवा को प्राथमिकता दी. उन्होंने कहा कि वे जीवन भर आदिवासियों, दलितों, किसानों और श्रमिकों की आवाज बने रहे. जब कोई बोलने को तैयार नहीं था, तब शिबू सोरेन ने इन वर्गों की पीड़ा को संसद में उठाया. सड़क पर आंदोलन किया और जेल जाने से भी नहीं डरे.
उनकी कमी हमेशा खलेगी : अन्नपूर्णा देवी
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि ऐसे व्यक्ति बहुत दुर्लभ होते हैं जो केवल राजनीति नहीं, बल्कि जन आंदोलन की धारा बन जाते हैं. अन्नपूर्णा देवी ने गुरुजी को याद करते हुए कहा उनका जाना एक युग का अंत है. जो सामाजिक चेतना उन्होंने जगाई, जो न्याय की मशाल उन्होंने जलाई, वो हमेशा हमें प्रेरित करती रहेगी.
“झारखंड आंदोलन को जनता का आंदोलन बनाया”
अन्नपूर्णा देवी ने झारखंड आंदोलन की पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि शिबू सोरेन ने अलग राज्य की मांग को केवल राजनीतिक मांग नहीं रहने दिया, बल्कि उसे जनता का आंदोलन बना दिया. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन एक जननायक थे, जिन्होंने न केवल झारखंड मांगा, बल्कि झारखंड के लोगों को स्वाभिमान और पहचान भी दी.