Advertisement

धर्म : मां सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी में बनेगा भव्य मंदिर, हनुमान जी को दिया गया ‘हकार’

A grand temple of mother Sita will be built: माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी में उनका एक मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. रामायण रिसर्च काउंसिल के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी सांदीपेंद्र जी महाराज ने मध्य प्रदेश में नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी माता को और हनुमान जी को प्रथम आमंत्रण देकर इसकी शुरुआत की. बिहार के सीतामढ़ी में राघोपुर बखरी स्थित श्रीराम जानकी मठ के जीर्णोद्धार एवं शक्ति-स्वरूपा मां सीता के मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश को आमंत्रण दिया जाएगा. सीतामढ़ी में मां सीताजी को श्री भगवती स्वरूप में स्थापित करने का संकल्प लिया गया था. उसके लिए जनमानस को आमंत्रण देने की शुरुआत हो रही है. यह अभियान आम जनमानस को इस पुनीत कार्य में जोड़ने के लिए शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि कोई भी सनातनी जिस स्वरूप में सहयोग देना चाहता है, वह अपना सहयोग प्रदान कर सकता है. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य केवल मंदिर निर्माण करना नहीं है, बल्कि मां सीता जी के जीवन आदर्श को पूरे विश्व में प्रसारित करना उनका लक्ष्य है. इस मंदिर के निर्माण के द्वारा भी इसी लक्ष्य को आगे बढ़ाया जाएगा. जो भी सनातनी इस मंदिर में आकर माता सीता का दर्शन करेंगे, वे अपने परिवार की बेटियों में इसी तरह के गुण स्वाभाविक तौर पर निर्मित करने का प्रयास करेंगे. इससे एक स्वस्थ और सनातन संस्कृति के प्रति जागरूक समाज का निर्माण होगा और यही उनका लक्ष्य है.
 मां सीता स्वयं देंगी हकार
बिहार में माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी में उनके एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. इस पुनीत कार्य के निर्माण में लोगों को शामिल होने के लिए माता सीता स्वयं पूरे देश-दुनिया के सनातनियों को हकार देंगी. ‘हकार’ मैथिली भाषा का शब्द है जिसका अर्थ लोगों को किसी शुभ कार्य के लिए आमंत्रित करना होता है. सबसे पहला आमंत्रण पत्र नलखेड़ा स्थित मां बगलामुखी माता और माता जानकी और भगवान राम के परम भक्त भगवान हनुमान को दिया गया है.
‘हकार’ सनातन धर्म को मानने वालों को दिया जा रहा
रामायण रिसर्च काउंसिल के महासचिव कुमार सुशांत ने अमर उजाला से कहा कि मैथिली भाषा में आमंत्रण देने को ‘हकार’ कहा जाता है. चूंकि, माता जानकी मिथिला की बेटी हैं और यह मंदिर भी उन्हीं को स्थापित करने के लिए किया जा रहा है, यह हकार उनकी तरफ से पूरे देश-दुनिया के सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को दिया जा रहा है. सीतामढ़ी में माता जानकी के मंदिर का निर्माण रामायण रिसर्च काउंसिल के माध्यम से कराया जा रहा है. रामायण रिसर्च काउंसिल के महासचिव कुमार सुशांत ने बताया कि पूरे देश-दुनिया का कोई भी सनातनी रामायण रिसर्च काउंसिल का सदस्य बन सकता है. इसके लिए कोई शुल्क नहीं रखा गया है. शुल्क के स्थान पर लोगों को अपने घर पर रामायण रिसर्च काउंसिल के बैनर तले राम कथा या हनुमान कथा कराने का अनुरोध किया गया है. जो लोग भी अपने घर पर राम-हनुमान कथा कराकर इसकी वीडियो उन्हें साझा करते हैं, वे स्वयमेव ही रामायण रिसर्च काउंसिल के सदस्य बन जाते हैं.
Ideal Express News