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दिल्ली : इंडिया गठबंधन की बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए हेमंत सोरेन, पहलगाम मामले और बिहार में SIR पर केंद्र को घेरा, जुबानी जंग तेज

सौरभ राय, आइडियल एक्सप्रेस
Delhi/Ranchi: शनिवार, 19 जुलाई 2025 को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई. बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री सह झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हेमंत सोरेन ऑनलाइन शामिल हुए. बैठक के दौरान सीएम हेमंत ने पहलगाम आंतकी हमले और बिहार में चल रहे SIR के मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा. हेमंत सोरेन ने इस संबंध में ट्वीट करके भी जानकारी दी. हेमंत सोरेन ने पहलगाम आतंकी हमले में सख्त जवाबदेही पर जोर दिया और विदेश नीति पर सवाल उठाये. साथ ही बिहार में हो रहे एसआईआर मुद्दे पर कहा कि केंद्र की मोदी सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग कर रही है. वहीं इस मामले को लेकर झारखंड में जुबानी जंग तेज हो गयी है. भाजपा और कांग्रेस ने एक-दूसरे को निशाने पर लिया.

इंडिया गठबंधन बांग्लादशी-रोहिंग्या के समर्थक : सीपी सिंह
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आरोपों पर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन के सभी घटक दल बांग्लादेशी और रोहिंग्या के समर्थक हैं. यह नहीं चाहते कि उनके ऊपर कार्रवाई की जाए. बिहार में सूचना मिली है कि बड़ी संख्या में रोहिंग्या हैं. चुनाव आयोग सही कर रहा है तो इनको क्यों दिक्कत हो रही है? उन्होंने कहा जो सही मतदाता हैं उसका नाम बिहार के मतदाता सूची में रहना चाहिए. जहां बात है पहलगाम विषय की तो देश और विश्व जानता है मोदी सरकार की विदेश नीति क्या है. सिर्फ राजनीति करने से काम नहीं चलेगा. अब जनता के हित में उन्हें सोचना चाहिए.
कांग्रेस सरकार में विदेश नीति थी सशक्त : कांग्रेस
वहीं झारखंड सरकार में सहयोगी दल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में विदेश नीति सशक्त थी. उस समय बांग्लादेश आंख दिखाने से पहले हजार बार सोचता था. अब तो छोटे-छोटे देश भी भारत को धमकी दे रहा है. पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू की गई. इसी बीच अमेरिका प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप का बयान आता है कि हमने भारत पर दबाव बनाकर युद्ध रोका. ऐसे में जो सवाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उठाई है, वो वाजिब है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि SIR बिहार विधानसभा चुनाव से पहले क्यों लाई जा रही है. यह लोकसभा चुनाव के वक्त क्यों नहीं लागू की गई. क्या अभी जो वोटर अवैध हैं, वह लोकसभा में वैध थे. मामले में केंद्र सरकार तानाशाही वाला रवैया दिखा रही है. इसका जवाब बिहार की जनता विधानसभा चुनाव में दे देगी.
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