Dumka : संथाल बिद्रोह के नायक सिद्धो और कान्हू की याद में आज पूरे झारखंड में हूल दिवस मनाया जा रहा है. हूल दिवस के मौके पर दुमका में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और आमलोगों ने सिद्धो और कान्हू को नमन करते हुए उनकी शहादत को याद किया. इस मौके पर राजनीतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों ने सिद्धू-कान्हू की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस मौके पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के जामा विधायक लुईस मरांडी ने कहा कि हूल दिवस धूमधाम से मनाने का संकल्प लिया गया था, लेकिन आज हमारे राज्य के सर्वोच्य नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं. आज हम लोग अपने महानायक महापुरुषों से भी और मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघर मै भी दुआ मांग रहे हैं कि गुरु जी शिबू सोरेन स्वस्थ होकर लौटें. हमलोगों का मार्गदर्शन करें.
संथाल में डेमोग्राफी बदली : सुनील सोरेन
शहीद सिद्धो-कान्हू को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद बीजेपी के नेता पूर्व सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि जिस तरह से संथाल में डेमोग्राफी में बदलाव हो रहा है उससे आदिवासियों का अस्तित्व खतरे में है. ऐसे में आदिवासी समाज को एकजुट होकर अपनी संस्कृति बचानी होगी. जिस तरह से सिद्धो-कान्हू से लड़ाई लड़ी, उसी तरह आदिवासी को बचाने के लिए लड़ाई लड़नी होगी.
सरकार कर रही शहीदों का अपमान : सीता सोरेन
वहीँ बीजेपी नेता और दिशोम गुरू शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन ने भी शहीद सिद्धो-कान्हू को नमन किया और राज्य सरकार पर शहीदों का अपमान करने का आरोप लगाया. कहा कि सरकार ने सिद्धो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू के सात बर्बरता दिखाई है. संथाल समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. एक तरफ हमलोग सिद्धो-कान्हू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं वहीं दूसरी तरह सरकार शहीदों का अपमान करती है, जो उचित नहीं है.
















