
तख्तापलट की आशंका, अलग-थलग पड़े मोहम्मद युनूस,
नई दिल्ली ( IEN ) भारत के हितों के खिलाफ लगातार कदम उठा रहे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस अब वहां के राजनीतिक दलों के साथ ही बांग्लादेश सेना के निशाने पर हैं। वजह यह है कि यूनुस बांग्लादेश में आगामी आम चुनाव कराने को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट राय नहीं बना पाये हैं।
एक तरफ बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बीएनबी और पूर्व पीएम शेख हसीना की लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाने वाली इस्लामिक छात्र नेता इस साल चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। वहीं यूनुस इसे अगले साल तक टालने की बात कर रहे हैं। अब बांग्लादेश सेना के प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने भी दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने की साफ मांग कर दी है।
यूनुस चुनावों को टालने की बात कर रहे
एक तरफ बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बीएनबी और पूर्व पीएम शेख हसीना की लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाने वाली इस्लामिक छात्र नेता जहां इस साल के अंत तक ही चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं वहीं यूनुस इसे अगले साल तक टालने की बात कर रहे हैं।
मुखिया यूनुस का भविष्य में अधर में
अब बांग्लादेश सेना के प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने भी दिसंबर, 2025 तक चुनाव कराने की साफ मांग कर दी है। पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुके कार्यवाहक सरकार के मुखिया यूनुस का भविष्य में अधर में पड़ता दिख रहा है। भारत ने वहां के आंतरिक हालात पर कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन पूरी स्थिति पर पैनी नजर बना कर रखा गया है।
प्रोफेसर यूनुस काफी विचलित हैं
बांग्लादेश में दिसंबर, 2025 तक चुनाव होना चाहिए
बांग्लादेश सेना प्रमुख ने अपनी नाराजगी जताई
देश में शांति-व्यवस्था कायम करने में मौजूदा कार्यवाहक सरकार की असफलता पर भी बांग्लादेश सेना प्रमुख ने अपनी नाराजगी जताई है। यह भी बता दें कि पूर्व में जब अंतरिम सरकार ने आंतरिक अमन-शांति के लिए बांग्लादेश सेना से सहयोग मांगा था तब सेना ने इसमें बड़ी भूमिका निभाने से मना कर दिया था और कहा था कि यह काम पुलिस प्रशासन का है। उधर, पूर्व पीएम खालिदा जिया की राजनीतिक पार्टी बीएनपी की तरफ से भी दिसंबर, 2025 तक चुनाव कराने की मांग की जा रही है। बीएनपी के नेता यहां तक कह रहे हैं कि बगैर आम चुनाव की संभावना के किसी कार्यवाहक सरकार का बहुत दिनों तक समर्थन नहीं किया जा सकता।
म्यांमार के विद्रोही सैनिकों को मदद पहुंचाने की मंशा
बताया जा रहा है कि बांग्लादेश सेना और मोहम्मद यूनुस के बीच तनाव बढ़ने का एक प्रमुख कारण अमेरिका की तरफ से म्यांमार के रखाइन क्षेत्र के लिए एक मानवीय गलियारा बनाने का प्रस्ताव है। वैसे यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आया है लेकिन यह माना जाता है कि इसके पीछे अमेरिका का ही दबाव है। इसके पीछे म्यांमार के विद्रोही सैनिकों को मदद पहुंचाने की मंशा है।
बांग्लादेश ने चीन को दिया झटका
पिछले दिनों अंतरिम सरकार में विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे तौहीद हुसैन ने एकतरफा घोषणा करते हुए उक्त गलियारे को लेकर सहमति व्यक्त कर दी थी। जबकि बांग्लादेश के ही कई विशेषज्ञों ने इस पर व्यापक विमर्श करने की बात कही है। क्योंकि माना जा रहा है कि चीन को भी यह नागवार गुजर सकता है। यह एक बड़ी वजह है कि बांग्लादेश सेना ने इस मुद्दे पर चुनाव बाद लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार की तरफ से फैसला किये जाने की बात कही है।

















