Washington : 13 जून से ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध थम गया है. दोनों देशों के बीच सीजफायर पर सहमति बन गयी है. व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बाद दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गये. ट्रंप ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत की जबकि अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वैंस और उनकी टीम ने ईरान के साथ बातचीत की.
13 जून से जारी था युद्ध
ईरान और इजराइल के बीच 13 जून से युद्ध जारी था. दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइलों और ड्रोनों से हमले किए जिसमें बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए. आखिरकार राहत की खबर आई और अमेरिका की कोशिशों के बाद सीजफायर हुआ. इजरायल ने एक शर्त रखी और कहा कि वे सीजफायर पर सहमत है, उनकी शर्त ये थी कि ईरान नए हमले न करे. अमेरिका के अधिकारी ने कहा कि ईरान ने संकेत दिया है कि आगे कोई हमला नहीं होगा. ईरान के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष बातचीत में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ शामिल थे.
सीजफायर पर कैसे बनी सहमति?
– ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि पूर्ण और समग्र युद्ध विराम आने वाले घंटों में लागू हो जाएगा
– लेकिन कुछ ही देर बाद दोनों पक्षों ने हमले की धमकी दे दी
– इसके बाद ईरान ने अमेरिकी हवाई अड्डे पर मिसाइल दागी
– हमले में कोई हताहत नहीं हुआ
– यह घटना तब हुई जब अमेरिकी बमवर्षकों ने ईरानी भूमिहक परमाणु सुविधाओं पर बंकर बस्टर गिराए थे
– हमलों के तुरंत बाद ट्रंप ने इजराइल और ईराने के साथ बातचीत का आह्वान किया
– अधिकारी ने ट्रम्प के हवाले से कहा, “‘बीबी को बुलाओ. हम शांति बनाने जा रहे हैं.'”
– ट्रम्प की टीम ने संघर्ष से पहले के हफ्ता में ईरान के साथ पांच अलग-अलग मौकों पर बातचीत की थी
– लेकिन वार्ता तब टूट गई जब ईरान अपनी मांग से पीछे नहीं हटा
– ईरान ने कहा- यूरेनियम का संवर्धन जारी रखेंगे
– इसके बाद ट्रम्प ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह “दो सप्ताह के भीतर” अमेरिकी बल प्रयोग पर निर्णय लेंगे
– लेकिन शनिवार दोपहर को उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका को ईरानी सुविधाओं पर बमबारी करने का आदेश दे दिया था
और एसे बन गई बात
ट्रम्प द्वारा ओवल ऑफिस में की गई बातचीत के एक दिन बाद युद्ध विराम सामने आया. ईरान ने यह कहते हुए मान लिया कि इजरायल की तरफ से हमला नहीं किया जाएगा तो हमें भी युद्ध का शौक नहीं है. राष्ट्रपति ट्रंप ने सीधे इजराइल के पीएम नेतन्याहू से बात की, और बात बन गयी.

















